Dna Test Kaise Hota Hai In Hindi डीएनए टेस्ट कैसे होता है?

Dna Test Kaise Hota Hai In Hindi डीएनए टेस्ट कैसे होता है?

आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि Dna Test Kaise Hota Hai In Hindi डीएनए टेस्ट कैसे होता है? और डीएनए की फुल फॉर्म क्या है? आपने कभी ना कभी डीएनए टेस्ट के बारे में जरूर सुना होगा और आपके मन में भी यह सवाल आया होगा कि आखिर यह डीएनए होता क्या है और डीएनए का टेस्ट कैसे किया जाता है बच्चे का डीएनए टेस्ट कैसे किया जाता है | तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से |

DNA FULL FORM IN ENGLISH: Full form of DNA is Deoxyribonucleic Acid

डीएनए फुल फॉर्म: डीएनए फुल फॉर्म डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल होता है |
डीएनए की फुल फॉर्म है डी ऑक्सी राइबो न्यूक्लिक एसिड डीएनए किसी भी इंसान या फिर जीवित प्राणी की सबसे सूक्ष्म इकाई होती है हमारा शरीर छोटे-छोटे सेल्स से बना हुआ है |
अगर इंसान या किसी भी जीवित प्राणी के सेल्स को खोल कर देखेंगे तो उस सेल्स के अंदर हमें उसके अंदर की प्रणाली दिखेगी उस सेल के अंदर न्यू प्लेयर न्यूक्लियर मतलब कि नाभिक मिलता है और जब हम न्यूक्लियर को खोलेंगे तो उसके अंदर बहुत सारे क्रोमोसोम्स होते हैं क्रोमोजोम्स देखने में अंग्रेजी के एक लेटर x की तरह दिखते हैं जितने भी जीवित प्राणी है उन सभी के सेल्स के अंदर क्रोमोजोम्स की संख्या अलग-अलग होती है हमारे एक सेल्स के बॉडी के अंदर 46 क्रोमोजोम्स होते हैं |
चलिए जानते हैं कि जानवरों के सेल्स के अंदर कितने क्रोमोजोम्स होते हैं | उन सभी के क्रोमोजोम्स निम्नलिखित हैं |

जानवर

क्रोमोजोम्स

बिल्ली 38
चूहा 40
घोंघा 54
हाथी 56
गए 60
कुत्ता 78
गोल्डफिश 100
मक्खी 8

 

यदि हम किसी क्रोमोजोम्स को एक तरफ से पकड़कर खोलेंगे तो एक घुमावदार सीढ़ी की तरह एक स्ट्रक्चर बना हुआ है उसकी तरह खुलता है इस सीढ़ी जैसे स्ट्रक्चर को ही डीएनए कहते हैं जिसके अंदर बहुत सी जानकारियां स्टोर होती है | डीएनए निम्नलिखित चार चीजों से मिलकर बना है |

  • गुआनिन
  • साइटोसिन
  • एडमिन
  • थायमिन

आपको एक बात बता दूं डीएनए के अंदर न्यूक्लिक एसिड होता है | डीएनए किसी भी जीव के जेनेटिक मैटेरियल अनुवांशिक गुणों को अपने अंतर संरक्षित करके रखते हैं | और इसी डाटा को एक जनरेशन से दूसरे जनरेशन ट्रांसफर करते रहते हैं | चलिए अब मैं आपको क्रोमोजोम्स के बारे में और अच्छे से बताता हूं |

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जैसा कि आप चित्र में देख सकते हैं आपके सामने अंग्रेजी का एक लेटर x की तरह एक चित्र है इसे हम एक जोड़ी क्रोमोजोम्स कहेंगे | यानी कि यह एक जोड़ी है जो दो क्रोमोजोम्स को मिलकर एक जोड़ी क्रोमोज़ोम बना रहे | हमारे शरीर के बॉडी सेल्स में न्यूक्लियर में ऐसे ही 23 जोड़ी क्रोमोजोम्स होते हैं और इन्हीं 23 जोड़ी क्रोमोजोम्स में हमारे शरीर का जेनेटिक इंफॉर्मेशन सेव रहता है | हमारे जेनेटिक के अंदर जो इंफॉर्मेशन होती है वह तय करती है कि हमारे शरीर का रंग कैसा होगा हमारे हाथ पैर कैसे होंगे हमारी आंखें कैसी हैं हमारे बाल कैसे होंगे हमारी त्वचा कैसी होगी और भी बहुत सी जानकारियां इन्हीं डीएनए डाटा के अंदर सेव रहते हैं |

चलिए इस बात को एक उदाहरण द्वारा समझते हैं |

जब एक शिशु अपनी मां के पेट में होता है तो इन्हीं क्रोमोजोम्स के डीएनए में सेव जेनेटिक इनफॉरमेशन की मदद से और इसी वजह से उस बच्चे हो सही आकार मिलता है हर क्रोमोजोम्स में हमारे शरीर का अलग-अलग इंफॉर्मेशन सेव रहता है जैसे एक क्रोमोजोम के अंदर हाथ की इंफॉर्मेशन सेव रहती है जैसे हाथ को कौन सा आकार देना है किसी के पास पैर का इंफॉर्मेशन होता है या फिर किसी क्रोमोजोम के पास आंखों का इंफॉर्मेशन सेव रहता है इस तरीके से हर क्रोमोसोम्स का अपना अपना काम है और अपनी अपनी जगह पर वह में काम करते हैं | यही कारण है कि जैसा माँ बाप का शरीर होता है वही उनके बच्चो को भी मिलता है | एक तरीके से कॉपी बनती है सेल्स की |

जैसे कि यदि एक इंसान का कद छोटा है या वह बहुत लंबा है या फिर उसकी आंखें मिली है या फिर से कोई बीमारी है तो यह बहुत ज्यादा चांस है कि वह हमारी उसके बच्चों को भी मिलेगी इसी को ही जेनेटिक डिसऑर्डर कहते हैं |

और यही कहानी जानवरों की बीएफ जानवरों के सेल्स के अंदर भी ऐसे ही क्रोमोसोम्स होते हैं जो डाटा सेव करते हैं और जैसा जेनेटिक इंफॉर्मेशन जानवरों के डीएनए में से होता है वैसे ही उनके बच्चे होते हैं और यह इंफॉर्मेशन एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ट्रांसफर होती रहती है |

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एक क्रोमोसोम से निकले डीएनए की लंबाई 2 से 8 सेंटीमीटर तक होती है और चौंकाने वाली बात यह है कि हमारे शरीर में रोजाना 1 दिन में 1लाख से 10 लाख के बीच डीएनए मर जाते हैं |

और उनकी जगह नई डीएनए बन जाते हैं डीएनए के अंदर डाटा सेव करने की बहुत ही अच्छी क्षमता होती है इसका अंदाजा आप एक बात से लगा सकते हैं 1 ग्राम डीएनए 7 टेराबाइट तक इंफॉर्मेशन सेव कर सकता है और मजे की बात यह है कि 2 ग्राम डीएनए के अंदर पूरी दुनिया की जानकारी को स्टोर करके रखा जा सकता है |

डीएनए टेस्ट क्यों किया जाता है?

एक बात तो आप जान ही गए होंगे कि हर इंसान के अंदर अलग-अलग डीएनए अलग-अलग इंफॉर्मेशन सेव करते हैं यानी के किसी भी इंसान का डीएनए दूसरे इंसान से मैच नहीं कर सकता है यानी के दो इंसान का डीएनए एक जैसा नहीं हो सकता है मान लीजिए कोई बच्चा है और उसके माता पिता है तो सीधी सी बात है कि उस बच्चे का डीएनए उन दो माता-पिता से मिलकर बना है तो वह एक से कैसे मैच कर सकता है वह तो दोनों से मैच करेगा और मैच करेगा तो दोनों मिलकर कुछ और बनेगा किसी एक का नहीं बनेगा |

इसलिए बच्चे के अंदर माता-पिता दोनों के गुण होते है | डीएनए का टेस्ट उस बच्चे के असली माता पिता के बारे में पता लगाने के लिए किया जाता है इसलिए डीएनए टेस्ट द्वारा संबंधों का पता लगाया जाता है कभी कभी अपराधिक मामलों में भी डीएनए टेस्ट किया जाता है ताकि असली इंसान को पहचाना जा सके देश में हर जगह डीएनए टेस्ट नहीं होते हैं केवल कुछ चुनिंदा जगहों पर डीएनए टेस्ट होते हैं |

डीएनए टेस्ट कैसे किया जाता है?

डीएनए टेस्ट के लिए हमारे पास सैंपल होना जरूरी है तभी हम उस पर रिसर्च करके पता लगा सकते हैं कि इस का संबंध किससे है निम्नलिखित चीजों से हम डीएनए का पता लगा सकते हैं |

  • खून
  • बाल
  • त्वचा
  • यूरिन
  • लार

आदि से डीएनए का पता लगाया जा सकता है | डीएनए टेस्ट के लिए 10 से 15 दिन तक का समय लग सकता है और इसके लिए 10 से ₹15000 तक का खर्च आता है | आशा है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और आप इसे अपने दोस्तों के साथ साझा जरूर करेंगे तो चलिए मिलते हैं लिए नहीं आर्टिकल के साथ |

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